आज के इस आर्टिकल में आप पढ़ेगे कि कर्क रेखा (Kark Rekha) भारत के कितने राज्यों से होकर गुजरती है? यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो आपने यह प्रश्न अवश्य पढ़ा होगा और यदि आप इस प्रश्न का उत्तर नहीं जानते तो इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप इसका उत्तर जान जाएंगे l
इसके साथ ही आप जानेंगे कि भारत में कर्क रेखा की लम्बाई कितनी है, कर्क रेखा की सबसे अधिक एवं सबसे कम लंबाई किस राज्य में है, कर्क रेखा भारत के कितने जिलों से होकर गुजरती है, कर्क रेखा के सबसे नजदीक कौन सा शहर है, किस राज्य की राजधानी कर्क रेखा पर स्थित है, कर्क रेखा को दो बार काटने वाली नदी कौन सी है, सूर्य कर्क रेखा पर कब चमकता है और कर्क रेखा विश्व के कितने देशों से होकर गुजरती है l
परन्तु इसे जानने से पहले हम जान लेते है कि कर्क रेखा(Kark Rekha) किसे कहते है?
पृथ्वी पर किसी स्थान की भौगोलिक स्थिति का निर्धारण करने के लिए ग्लोब पर काल्पनिक रेखाएं खींची गयी है l इन काल्पनिक रेखाओं को अक्षांश रेखाएं एवं देशांतर रेखाएं कहते है l
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ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई काल्पनिक रेखाएं अक्षांश रेखाएं कहलाती है l अक्षांशों की कुल संख्या 181 है l दो अक्षांशों के बीच की दूरी लगभग 111 किमी होती है l
ध्रुवो की ओर जाने पर अक्षांश रेखाओं की लम्बाई घटती है l
इन रेखाओं में पांच प्रमुख रेखाएं शामिल है कर्क रेखा, भूमध्य रेखा, मकर रेखा, आर्कटिक रेखा, और अंटार्कटिक रेखा l
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0° अक्षांश पर स्थित रेखा को भूमध्य रेखा कहते है l भूमध्य रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी गोलार्ध l
भूमध्य रेखा के उत्तरी भाग को उत्तर गोलार्ध एवं दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते है l
उत्तरी गोलार्ध में स्थित 66 ½° उत्तरी अक्षांश रेखा को आर्कटिक रेखा एवं दक्षिणी गोलार्ध में स्थित 66 ½° दक्षिणी अक्षांश रेखा को अंटार्कटिक रेखा कहते है l
उत्तरी गोलार्ध में स्थित 23½° उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा (Kark Rekha) कहते हैं। जबकि दक्षिणी गोलार्ध में स्थित 23½° दक्षिणी अक्षांश रेखा, मकर रेखा कहलाती है l
Note: कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच स्थित क्षेत्र को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहते है l
कर्क रेखा (Kark Rekha) भारत के कितने राज्यों से होकर गुजरती है अब इसके बारे में जान लेते है l
भारत उत्तरी गोलार्ध के एशिया महाद्वीप में स्थित एक देश है l चूँकि कर्क रेखा, उत्तरी गोलार्ध में स्थित 23°30' उत्तरी अक्षांश रेखा है अतः कर्क रेखा भारत के मध्य से होकर गुजरती है l कर्क रेखा भारत को दो भागों में विभाजित करती है उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत l
Note: उत्तरी भाग का क्षेत्रफल दक्षिण भाग के क्षत्रफल का लगभग दुगुना है l
कर्क रेखा (Kark Rekha) भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है l ये आठ राज्य है: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा मिजोरम (पश्चिम से पूर्व की ओर क्रम) l
भारत में कर्क रेखा (Kark Rekha), गुजरात के कच्छ से शुरू होती है और पश्चिम की ओर बढ़ते हुए मिजोरम के सेरछिप तक जाती है l कर्क रेखा पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के बीच में बांग्लादेश से होकर भी गुजरती है l
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कर्क रेखा, मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से होकर भी गुजरती है। जयपुर के महाराजा जयसिंह II ने 1733 में उज्जैन शहर में दक्षिण की ओर क्षिप्रा के दाहिनी तरफ जयसिंहपुर नामक स्थान पर एक प्रेक्षागृह (वेधशाला) का निर्माण कराया जिसे जंतर मंतर महल के नाम से जाना जाता है l यह खगोल-शास्त्र के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण है l
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कर्क रेखा (Kark Rekha) भारत के आठ राज्यों के 35 जिलों से होकर गुजरती है l अब तक आप जान चुके है कि कर्क रेखा भारत में गुजरात राज्य से शुरू होकर मिजोरम तक जाती है तो अब देखते है कि कर्क रेखा इन राज्यों के किन-किन जिलों से होकर गुजरती है l
कच्छ, सुरेंद्रनगर, अहमदाबाद, मेहसाना, साबरकांठा, अरवल्ली
डूंगरपुर, बांसवाड़ा
रतलाम, उज्जैन, आगर, राजगढ़, सीहोर, भोपाल, विदिशा, रायसेन, सागर, दमोह, जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल
कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर
गुमला, रांची
पुरुलिया, बांकुड़ा, बर्धमान, नदिया
दक्षिणी त्रिपुरा
लुंगलेई, सेरछिप, चम्फाई
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पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है अतः जब पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है तो कभी उत्तरी गोलार्ध तो कभी दक्षिणी गोलार्ध सूर्य के समक्ष होता है l इसलिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर एक समान नहीं पड़ता l
यही कारण है कि ध्रुवो पर 6 महीने दिन और 6 महीने रात होती है l
उत्तरी गोलार्ध जब सूर्य के समकक्ष अत्यधिक झुक जाता है तब इस घटना को जून क्रांति कहा जाता है l जून क्रांति के समय सूर्य कर्क राशि में स्थित होता है इसलिए कर्क रेखा को कर्क रेखा कहा जाता है l
जब सूर्य दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर बढ़ता है तो इसे उत्तरायण एवं जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से दक्षिणी गोलार्ध की ओर बढ़ता है तो इसे दक्षिणायन कहते है l
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22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत चमकता है इसलिए 22 दिसम्बर को दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है जबकि रात छोटी होती है इसके उलट इस दिन उत्तरी गोलार्ध में दिन छोटा और रात बड़ी होती है l इसे शीत अयनांत कहते है l
22 दिसंबर के बाद सूर्य दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर जाने लगता है l इस वजह से उत्तरी गोलार्ध में दिन लम्बे एवं रातें छोटी होती है l
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21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत चमकता है l इस दिन उत्तरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होता है जबकि रात सबसे छोटी होती है l सूर्य की किरणें यहाँ लम्बवत पड़ने से यहाँ इस दिन अत्यधिक गर्मी होती है l इसे ग्रीष्म अयनांत कहते है l
जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर लम्बवत पड़ती है तो कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे बनती है या कहें कि नहीं बनती है। यही कारण है कि इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में नो शैडो ज़ोन कहा गया है अर्थात परछाई रहित क्षेत्र कहा जाता है l
Note: 21 मार्च और 23 सितंबर को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत चमकता है जिसे क्रमशः वसंत विषुव और शरद विषुव कहा जाता है ये ऐसे दिन होते है जब दिन और रात की अवधि समान होती है l |
कर्क रेखा (Kark Rekha) विश्व के तीन महाद्वीपों के लगभग 19 देशों से होकर गुजरती है l
कर्क रेखा उत्तरी अमेरिका के 3 देशों से होकर गुजरती है ये देश है:
संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, बहामास
कर्क रेखा अफ्रीका के 8 देशों से होकर गुजरती है ये देश है:
पश्चिमी सहारा, मुरितानिया, माली, अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, चाड, मिस्र
कर्क रेखा एशिया के 8 देशों से होकर गुजरती है ये देश है:
सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात, ओमान, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, ताइवान