उत्तराखंड के शहरों के प्राचीन नाम: आज के इस आर्टिकल में उत्तराखंड के शहरों के प्राचीन नामों के बारे में जानकारी दी गयी है जो कि उत्तराखंड में आयोजित विभिन्न परीक्षाओं की द्रष्टि से महतवपूर्ण है l इस topic से सम्बंधित प्रश्न कई बार परीक्षाओं में पूछे जाते है l यदि आप भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो यह topic आपके लिए काफी मददगार साबित होगा l
तो चलिए जानते है आज के topic उत्तराखंड के शहरों के प्राचीन नामों के विषय में -
विश्व में कुल कितने महासागर है ?
उत्तराखंड के शहरों के प्राचीन नाम
उत्तराखंड में स्थित शहरों के प्राचीन नामों के बारे में जानने से पूर्व हम जान लेते है कि उत्तराखंड राज्य को पूर्व में किन किन नामों से जाना जाता था l
उत्तराखंड को प्राचीन समय में कर्तपुर, ब्रह्मपुर, एवं पाली साहित्य में हिमवंत देश के नाम से जाना जाता था l
उत्तराखंड के प्रमुख दर्रे
जैसा कि हम जानते है कि उत्तराखंड राज्य तीन मंडलों में विभक्त है इन मंडलों के प्राचीन नाम इस प्रकार है l
- गढ़वाल - केदारखंड, स्वर्गभूमि, बदरिकाश्रम,
- कुमाऊँ - मानसखंड, कुमू, कुर्मांचल
- गैरसैण - चंद्रनगर
Note: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्च 2020 में गैरसैण को नया मंडल बनाने की घोषणा की थी l इसमें दो जिले गढ़वाल मंडल के और दो जिले कुमाऊँ मंडल के शामिल किये गए l
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उत्तराखंड का राज्य चिन्ह, पुष्प, पक्षी, पशु, वृक्ष
इन मंडलों में स्थित शहरों के प्राचीन नाम इस प्रकार है -
गढ़वाल मंडल में स्थित शहरों के प्राचीन नाम
- हरिद्वार - मायावती, गंगाद्वार
- देहरादून - द्रोणघाटी, डेरा, पृथ्वीपुर, शिव भूमि, लीची नगर
- उत्तरकाशी - बाड़ाहाट, सौम्यकाशी
- श्रीनगर - श्रीपुर, श्रीक्षेत्र
- टिहरी - त्रिहरी, टिरी, गणेशप्रयाग
- गोपेश्वर - गोस्थल, गोथला
- ऋषिकेश - कुब्जाम्रक
- रुड़की - रुड़ी के
- देवप्रयाग - सुदर्शन तीर्थ, देव तीर्थ, इंद्रप्रयाग
- विष्णुप्रयाग - नारायण भटारक
- केदारनाथ - स्वर्गभूमि (महाभारत,पुराण)
- आदिबद्री - नारायण मठ
- विकासनगर - चोहड़पुर
- चकराता - एकचक्रा, चक्रनगरी, चक्रथा
- कोटद्वार - मोर ध्वज
- लैंड्सडौन - कालौडांड
- जोशीमठ - ज्योतिर्मठ
- नरेंद्र नगर - ओडाथली
- कालसी - विराटगढ़ी, कालकूट, सुध नगर
- कीर्तिनगर - बिलोलीगाँव
उत्तराखंड के प्रमुख व्यक्तियों के उपनाम
कुमाऊँ मंडल में स्थित शहरों के प्राचीन नाम
- बद्रीनाथ - मुक्तिप्रदा(सतयुग, स्कन्दपुराण), योगसिद्ध(त्रेतायुग), मणिभद्र आश्रम/विशालातीर्थ (द्वापरयुग), बदरिकाश्रम
- नैनीताल - त्रिऋषि सरोवर
- पिथौरागढ़ - सौर, पृथ्वीगढ़, पिथौरा
- जसपुर - कीर्तिपुर, सहजगढ़
- टनकपुर - ग्रास्तिन गंज
- काशीपुर- कोटा, गोविषाण
- रामनगर - रेमजेनगर, ढिकुली
- पंतनगर - फुलबाग
- हल्द्वानी - हल्दुवणी
- मुनस्यारी - तिकनसैण, तिकसैण
- चम्पावत - कुमू, चम्पावती, कमादेश, काली कुमाऊँ
- नानक मत्ता - छिनकी का परगना , तपेडा, बख्शी
उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल
गैरसैण मंडल में स्थित शहरों के प्राचीन नाम
- अल्मोड़ा - आलमनगर, राजाओं की घाटी, राजपुर
- चमोली - चम्वाला, लाल सांगा, अल्कापुर
- बागेश्वर - बागीश्वर, बागीश, ब्याघ्रेश्वर
- रुद्रप्रयाग - पुनाड़, रुद्रावत
- माना गाँव - मणिभद्रपुरी
- जोशीमठ - ज्योतिर्मठ
- कौसानी - बलना
- जागेश्वर - यागीश्वर
- बैजनाथ - वैद्यनाथ
- द्वारहाट - दोराहाट, दौरा
कर्क रेखा, मकर रेखा और भूमध्य रेखा क्या है
उत्तराखंड के प्रमुख नगर एवं उनके उपनाम
- पिथौरागढ़ - छोटा कश्मीर, केदार ज्यू, सोहरा घाटी
- हरिद्वार - देवताओं का द्वार, शिव की राजधानी, पूर्व का वेनिस, उत्तर का केरल, कुम्भ नगरी, माया नगरी, संस्कृत नगरी, कपिलास्थान, गायित्री तीर्थ
- अल्मोड़ा - पीतल नगरी, ताम्रनगरी, हिमालय की द्वारिका, बाल मिठाई का घर, राजाओं की घाटी, ब्राइड एंड कोर्नर
- बागेश्वर - नीलगिरी, उत्तर का वाराणसी
- नैनीताल - सरोवर नगरी / झील नगरी
- मुनस्यारी - जोहर क्षेत्र का प्रवेश द्वार
- चमोली (हेमकुंड) - सिक्खों का कैलाश मानसरोवर
- काठगोदाम - कुमाऊँ का द्वार
- ऋषिकेश - मुनि की रेती, संतनगरी, योग नगरी, विश्व की योग राजधानी, संस्कृत नगरी
- देहरादून - सैनिक नगरी, हर्बल गार्डन, सिल्क पार्क, वन नगर
- मंसूरी - पहाड़ो की रानी, भारत का एडिनबरा, गंगोत्री एवं यमुनोत्री का प्रवेश द्वार
- उत्तरकाशी - बारह्हाट या बाराह
- कोटद्वार - गढ़वाल का द्वार
- श्रीनगर - गढ़वाल का दिल्ली
- द्वारहाट - मंदिरों की नगरी, मीठी मूलियों का क्षेत्र
- कौसानी - भारत का स्विट्ज़रलैंड
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