भारत के प्रधानमंत्रियो की सूची: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 के अनुसार भारत के प्रधानमंत्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। भारत के राष्ट्रपति द्वारा ही भारत के प्रधानमंत्री को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है l
भारत का प्रधानमंत्री देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का नेता होता है। प्रधानमंत्री की सलाह पर ही देश का राष्ट्रपति केन्द्रीय केबीनेट मंत्रियो को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाता है l
जब भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली, तो जवाहर लाल नेहरू को 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक भारत का प्रथम प्रधानमंत्री निर्वाचित किया गया था l
भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है जो 26 मई 2014 से इस पद पर है l स्वतंत्रता के बाद से 14 प्रधानमंत्रियों ने इस पद पर कार्य किया है।
जनसँख्या की दृष्टि से विश्व के 10 सबसे बड़े देश
2019 के चुनाव में पार्टी के बहुमत से जीतने के बाद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधान मंत्री के रूप में सेवा कर रहे हैं। उन्होंने 30 मई 2019 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली ।
इस लेख में हम भारत के प्रधानमंत्रियों की सूची के साथ-साथ उनकी जन्म-मृत्यु तिथि, आयु, कार्यकाल, प्रधान मंत्री से संबंधित अनुच्छेद (अनुच्छेद 75), और भारत के प्रधानमंत्री का वेतन कितना है, यह जानेंगे।
तो आइये जानते है कि प्रधानमंत्री के पद पर किन किन लोगो ने अपनी सेवांए दी एवं कितने समय तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला l
भारत का भूगोल: भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार
क्र.सं. |
प्रधानमंत्री |
जन्म तिथि |
मृत्यु तिथि |
कार्यकाल |
1. |
जवाहर लाल नेहरु |
14 नवंबर 1889 |
27 मई 1964 |
15 अगस्त 1947 - 27 मई 1964 16 साल, 286 दिन |
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गुलजारीलाल नंदा (कार्यकारी) पहली बार |
4 जुलाई 1898 |
15 जनवरी 1998 |
27 मई 1964 - 9 जून 1964 13 दिन |
2. |
लाल बहादुर शास्त्री |
2 अक्टूबर 1904 |
11 जनवरी 1966 |
9 जून 1964 - 11 जनवरी 1966 1 साल, 216 दिन |
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गुलजारी लाल नंदा (कार्यकारी) दूसरी बार |
19 नवंबर 1917 |
31 अक्टूबर 1984 |
11 जनवरी 1966 - 24 जनवरी 1966 13 दिन |
3. |
इंदिरा गाँधी पहली बार |
19 नवंबर 1917 |
31 अक्टूबर 1984 |
24 जनवरी 1966 - 24 मार्च 1977 11 साल, 59 दिन |
4. |
मोरारजी देसाई |
29 फरवरी1886 |
10 अप्रैल1995 |
24 मार्च 1977 - 28 जुलाई 1979 2 साल, 126 दिन |
5. |
चौधरी चारण सिंह |
23 दिसंबर 1902 |
29 मई 1986 |
28 जुलाई 1979 - 14 जनवरी 1980 170 दिन |
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इंदिरा गाँधी दूसरी बार |
19 नवंबर 1917 |
31 अक्टूबर 1984 |
14 जनवरी 1980-31 अक्टूबर 1984 4 साल, 291 दिन |
6. |
राजीव गाँधी |
20 अगस्त 1944 |
21 मई 1991 |
31 अक्टूबर 1984 - 2 दिसंबर 1989 5 साल, 32 दिन |
7. |
वीपी सिंह |
25 जून 1930 |
27 नवंबर 2008 |
2 दिसंबर 1989 - 10 नवंबर 1990 343 दिन |
8. |
चंद्र शेखर |
19 अप्रैल1926 |
8 जुलाई 2007 |
10 नवंबर 1990 - 21 जून 1991 223 दिन |
9. |
पीवी नरसिम्हा राव |
28 जून 1921 |
23 दिसंबर 2004 |
21 जून 1991 - 16 मई 1996 4 साल, 330 दिन |
10. |
अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार |
25 दिसंबर 1924 |
16 अगस्त 2018 |
16 मई 1996 - 1 जून 1996 16 दिन |
11. |
एचडी देवेगौड़ा |
18 मई 1933 |
_ |
1 जून 1996 - 21 अप्रैल 1997 324 दिन |
12. |
इंद्र कुमार गुजराल |
4 दिसंबर 1919 |
30 नवंबर 2012 |
21 अप्रैल 1997 - 19 मार्च 1998 332 दिन |
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अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार |
25 दिसंबर 1924 |
16 अगस्त 2018 |
19 मार्च 1998 - 22 मई 2004 6 साल, 64 दिन |
13. |
मनमोहन सिंह |
26 सितंबर 1932 |
_ |
22 मई 2004 - 26 मई 2014 10 साल, 4 दिन |
14. |
नरेन्द्र मोदी |
17 सितंबर 1950 |
_ |
26 मई 2014 - 23 मई 2019 30 मई 2019 - अवलंबी |
भारत के प्रधानमंत्रियों के बारे में संक्षिप्त विवरण नीचे दिया गया है -
जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे।
बच्चों के प्रति उनके प्रेम के कारण उन्हें चाचा नेहरू कहा जाता था । कश्मीरी पंडित समुदाय से जुड़े होने के कारण उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी जाना जाता था।
जवाहरलाल नेहरू तीन बच्चों में सबसे बड़े थे, शेष दो लड़कियां थीं। बड़ी बहन, विजया लक्ष्मी, बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। सबसे छोटी बहन, कृष्णा हेथसिंग, एक प्रसिद्ध लेखिका बन गईं और उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से संबंधित कई किताबें लिखीं।
नेहरू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने घर पर निजी शिक्षकों से प्राप्त की। १५ साल की उम्र में, वे लंदन चले गए थे और उन्होंने इंग्लैंड में अपनी शिक्षा जारी रखी, पहले हैरो स्कूल और फिर ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में, जहाँ उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने लंदन के इनर टेंपल में कानून की पढ़ाई की । फिर वे १९१२ में भारत लौट आए और कई वर्षों तक कानून का अभ्यास किया, और वे भारतीय राजनीति में शामिल हो गए।
भारत की सीमा कितने देशों से लगती है?
जवाहरलाल नेहरु का विवाह 1916 में कमला नेहरू से हुआ l
भारत में उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
जवाहरलाल नेहरू, भारत के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधान मंत्री थे। उन्होंने 1947 से 1964 तक प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सेवा दी l उन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।
'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई सबसे लोकप्रिय पुस्तक थी, यह पुस्तक उन्होंने 1944 में अहमदनगर (महाराष्ट्र) में जेल में रहते हुए लिखी थी l
जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखित पुस्तकों की सूची -
लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंटर कॉलेज और हरीश चंद्र हाई स्कूल में पढ़ाई की। काशी विद्यापीठ से शास्त्री जी को शास्त्री की उपाधि मिली । काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने जाति-संबंधी शब्द श्रीवास्तव को हमेशा के लिए हटा दिया और अपने नाम के आगे 'शास्त्री' लगा दिया। शास्त्री जी ने 1927 में, ललिता देवी से विवाह किया l
वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल थे और परिणामस्वरूप, उन्हें कई बार जेलों में रहना पड़ा।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया गया था।
ताशकंद में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री अयूब खान के साथ युद्ध समाप्ति हेतु एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई ।
उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने तक भारत के प्रधान मंत्री रहे।
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गुलजारीलाल नंदा भारत के पहले कार्यवाहक प्रधानमंत्री थे । एक कार्यवाहक प्रधान मंत्री वह होता है जो प्रधान मंत्री के पद पर तब तक कार्य करता है जब तक कि कोई अन्य व्यक्ति पार्टी द्वारा प्रधान मंत्री नहीं चुना जाता है।
गुलजारीलाल नंदा ने अपनी शिक्षा लाहौर, अमृतसर, आगरा और प्रयागराज में प्राप्त की।
उन्होंने 1916 में लक्ष्मी देवी से विवाह किया l
गुलजारी लाल नंदा ने आर्ट्स में मास्टर डिग्री और कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (1920-1921) में श्रम समस्याओं पर शोधार्थी के रूप में काम किया। उन्होंने 1921 में मुंबई के नेशनल कॉलेज में अर्थशास्त्र में व्याख्याता (lecturer) के रूप में कार्य किया। वे अहमदाबाद के कपड़ा उद्योग में लेबर एसोसिएशन के सचिव भी थे और वे 1922 से 1946 तक इस पद पर रहे।
गुलजारी लाल नन्दा भारत के दो बार कार्यवाहक प्रधान मंत्री रहे प्रत्येक में तेरह दिनों के लिए l उन्हें पहली बार पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद 1964 में कार्यवाहक प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया था और लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद 1966 में दूसरी बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने।
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गुलजारी लाल नंदा तब तक कार्यवाहक प्रधान मंत्री बने रहे जब तक कि कांग्रेस संसदीय दल ने इंदिरा गांधी को शास्त्री के वैध उत्तराधिकारी के रूप में नहीं चुना।
उन्हें 1997 में 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था ।
इंदिरा गांधी भारत की तीसरी प्रधानमंत्री थीं।
वह जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं और वह भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री थीं। इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाली प्रधान मंत्री थीं । इंदिरा गांधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी था।
इंदिरा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर एक होम ट्यूटर से प्राप्त की। 1934-35 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, इंदिरा ने पश्चिम बंगाल में विश्व-भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जिसे शांतिनिकेतन में रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित किया गया था। रवींद्रनाथ टैगोर ने उनका नाम "प्रियदर्शिनी" रखा । इसके बाद वह इंग्लैंड चली गईं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा में बैठीं, लेकिन इसमें असफल रहीं और ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने बिताने के बाद, 1937 में परीक्षा में सफल होने के बाद, ऑक्सफोर्ड के सोमरविले कॉलेज में दाखिला लिया।
उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई थी। उन्होंने पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय और इंग्लैंड में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से आगे की शिक्षा प्राप्त की।
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उन्होंने 1942 में फिरोज गांधी से शादी की । फिरोज गांधी से शादी के बाद उन्हें "गांधी" उपनाम मिला।
1964 में, वह राज्य सभा की सदस्य बनीं। इसके बाद वे लाल बहादुर शास्त्री की कैबिनेट में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनी l
11 जनवरी 1966 को भारत के दूसरे प्रधान मंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की असामयिक मृत्यु के बाद, श्रीमती इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 को भारत की तीसरी और पहली महिला प्रधान मंत्री बनीं (इस अवधि के दौरान गुलजारीलाल नंदा कार्यवाहक प्रधान मंत्री 13 दिनों के लिए रहे)। इसके बाद वह लगातार तीन बार 1967-1977 और फिर चौथी बार 1980-84 में देश की प्रधानमंत्री बनीं । वह 1967 का चुनाव बहुत कम बहुमत से जीत सकीं, लेकिन 1971 में फिर से भारी बहुमत के साथ प्रधान मंत्री बनीं और 1977 तक रहीं। वह 1980 में फिर से प्रधानमंत्री बनीं और 1984 में अपनी मृत्यु तक प्रधान मंत्री रहीं।
भारत की सीमा कितने देशों से लगती है?
इंदिरा गांधी ने 1984 में विदेश मंत्री, 1980-82 में रक्षा मंत्री,1970-73 में गृह मंत्री और 1964-66 में सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने चुनाव को स्थगित करने के लिए 1975 में राज्य आपातकाल लागू किया। पूर्वी पाकिस्तान की मुक्ति के लिए पाकिस्तान के साथ युद्ध 1971 में उनके कार्यकाल के दौरान हुआ था। ऑपरेशन ‘ब्लू स्टार’ के बाद 31 अक्टूबर 1984 को उनके ही अंगरक्षक ने उनकी हत्या कर दी थी ।
मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री थे।
वह पहले प्रधान मंत्री थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य नहीं थे, वे जनता दल पार्टी के सदस्य थे।
उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे। श्री देसाई ने 1911 में गुजराबेन से शादी की ।
मोरारजी देसाई ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सौराष्ट्र के कुंडला स्कूल में प्राप्त की और बाद में वलसाड के बाई अवा हाई स्कूल में दाखिला लिया। वह मुंबई के विल्सन कॉलेज से स्नातक करने के बाद गुजरात सिविल सेवा में शामिल हुए। उन पर 1927-28 के दौरान गोधरा में हुए दंगों में पक्षपात करने का आरोप लगाया गया था, जिसके कारण उन्होंने 1930 में गोधरा के डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था।
वह बॉम्बे राज्य के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, वित्त मंत्री और भारत के दूसरे उप प्रधान मंत्री भी थे । उन्हें 1969 तक इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में उप प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
नवंबर 1969 में मोरारजी देसाई ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। वह 1975 में जनता पार्टी में शामिल हो गए। मार्च 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला। उस समय प्रधानमंत्री पद के दो और दावेदार थे चौधरी चरण सिंह और जगजीवन राम। लेकिन जयप्रकाश नारायण ने 'किंगमेकर' के रोल का फायदा उठाकर देसाई का साथ दिया था । 24 मार्च 1977 को, 81 वर्ष की आयु में, मोरारजी देसाई भारत के प्रधान मंत्री बने और 28 जुलाई 1979 तक इस पद पर रहे। वह भारत के सबसे उम्रदराज प्रधानमंत्री थे।
चौधरी चरण सिंह से मनमुटाव के चलते उन्हें कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा था।
वह भारत के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ और पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान से’ सम्मानित होने वाले एकमात्र व्यक्ति है l
महाद्वीपों का महाद्वीप किसे कहा जाता है
1995 में 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे।
चरण सिंह ने अपनी प्राथमिक शिक्षा नूरपुर में प्राप्त की और उसके बाद उन्हें मैट्रिक के लिए मेरठ के सरकारी हाई स्कूल में भर्ती कराया गया। 1923 में चरण सिंह ने विज्ञान में स्नातक किया और दो साल बाद 1925 में कला वर्ग में स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद उन्होंने आगरा यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की और फिर 1928 में लॉ की परीक्षा पास करने के बाद गाजियाबाद में प्रैक्टिस शुरू की l
चौधरी चरण सिंह का प्रधान मंत्री के रूप में कार्यकाल 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक चला। राष्ट्रपति राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 20 अगस्त तक का समय दिया, लेकिन इंदिरा गांधी की पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 19 अगस्त को भारतीय लोक दल सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, अतः चौधरी चरण सिंह ने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
चौधरी चरण सिंह एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए कभी संसद का सामना नहीं किया।
वे 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 17 अप्रैल 1968 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मध्यावधि चुनाव में उन्हें अच्छी सफलता मिली और 17 फरवरी 1970 को फिर से मुख्यमंत्री बने।
उसके बाद जब वे केंद्र सरकार में गृह मंत्री (24 मार्च 1977 - 1 जुलाई 1978) बने , तो उन्होंने मंडल और अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की। 1979 में, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक [नाबार्ड] की स्थापना वित्त मंत्री और उप प्रधान मंत्री (24 मार्च 1977 - 28 जुलाई 1979) के रूप में की।
भारत में चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को 'राष्ट्रीय किसान दिवस' के रूप में मनाया जाता है l
चौधरी चरण सिंह का 1987 में दिल्ली में निधन हो गया l
चौधरी चरण सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तकें -
विश्व के 10 सबसे ऊँचे पर्वत शिखर
राजीव गांधी भारत के छठे प्रधानमंत्री थे l वह 40 साल की उम्र में बनने वाले भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे l
राजीव गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हिमालय की तलहटी में स्थित प्रतिष्ठित दून स्कूल में प्राप्त की। स्कूल छोड़ने के बाद राजीव गांधी कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, लेकिन जल्द ही उससे हटकर लंदन के इंपीरियल कॉलेज चले गए, उन्होंने वहां से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन किसी कारण से वे इसे पूरा नहीं कर सके। भारत आने के बाद राजीव गांधी ने इंडियन एयरलाइंस में बतौर पायलट काम करना शुरू किया।
उन्होंने 23 जून 1980 को अपने भाई संजय गांधी की मृत्यु के बाद भारतीय राजनीति में प्रवेश किया।
राजनीति में आने से पहले वह एक पायलट थे क्योंकि उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी।
वह अमेठी से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने और ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान स्वर्ण मंदिर पर सैन्य हमले का बदला लेने के लिए दो सिख अंगरक्षकों, सतवंत सिंह और बेअंत सिंह द्वारा 31 अक्टूबर 1984 को प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह भारत के प्रधान मंत्री बने।
राजीव गांधी को भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। उन्हें देश के कम्प्यूटरीकरण और दूरसंचार क्रांति का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का काम किया । राजीव गांधी ने मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 कर दी।
राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनाव प्रचार के दौरान 'लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम' नामक एक आतंकवादी संगठन द्वारा एक बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी ।
1991 में राजीव गांधी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया। राजीव गांधी की जयंती को ‘सद्भावना दिवस’ या ‘सद्भाव दिवस’ के रूप में मनाया जाता है l
वी.पी. सिंह भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे l
वह 9 जून 1980 से 28 जून 1982 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे । वीपी सिंह ने उत्तर प्रदेश के लोगों से वादा किया था कि वह डकैतों के आतंक को खत्म कर देंगे, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
वह 29 जनवरी 1983 को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और 31 दिसंबर 1984 को भारत के वित्त मंत्री बने। वह राजीव गांधी की सरकार में रक्षा मंत्री भी थे। विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्यसभा के सदस्य भी थे।
विश्वनाथ प्रताप सिंह ने इलाहाबाद और पूना विश्वविद्यालयों में अध्ययन किया। वे 1947-1948 में उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष थे। वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रहे।
राजीव गांधी की सरकार के दौरान बोफोर्स घोटाले के कारण, वीपी सिंह ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
वीपी सिंह ने 1988 में एक नई पार्टी, राष्ट्रीय मोर्चा का गठन किया। 1989 में लोकसभा चुनाव हुए। लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। तो वीपी सिंह ने केंद्र में एक गठबंधन सरकार बनाई, जिसे एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और दूसरी तरफ वामपंथी दलों का समर्थन प्राप्त था। 1989 में वीपी सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने।
लेकिन नेशनल फ्रंट की ये सरकार 11 महीने से ज्यादा नहीं चल पाई l 1991 में रथ यात्रा के समय भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने वी.पी. सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
उन्होंने 25 जून 1955 को उनके जन्मदिन पर सीता कुमारी से विवाह किया l
लंबे समय तक किडनी की बीमारी के कारण विश्वनाथ प्रताप सिंह का 77 वर्ष की आयु में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में 27 नवंबर, 2008 को निधन हो गया।
चंद्रशेखर सिंह भारत के आठवें प्रधानमंत्री थे।
वह पहले भारतीय प्रधान मंत्री हैं जिन्होंने कभी कोई सरकारी पद नहीं संभाला है।
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा रामकरण इंटर कॉलेज, भीमपुरा से की। उन्हें सतीश चंद्र पीजी कॉलेज में कला स्नातक (स्नातक) की डिग्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1950 में राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। उन्हें छात्र राजनीति में "फायरब्रांड" के रूप में जाना जाता था।
1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तो उन्होंने मंत्री का पद न लेते हुए जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला।
चंद्रशेखर सिंह 10 नवंबर 1990 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्थन से भारत के प्रधान मंत्री बने और 6 मार्च 1991 को कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया। इसलिए उन्होंने गठबंधनों का समर्थन खो दिया, और उन्होंने प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
चंद्रशेखर केवल सात महीने के लिए प्रधान मंत्री थे, चरण सिंह के बाद दूसरी सबसे छोटी अवधि के लिए।
उन्होंने प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्री, गृह मामलों के मंत्री और रक्षा मंत्री का पद भी संभाला ।
चंद्रशेखर का उनके 80वें जन्मदिन के तीन महीने बाद 8 जुलाई 2007 को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वह कुछ समय से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थे।
विश्व के प्रमुख देश राजधानी और मुद्रा
9. पीवी नरसिम्हा राव (1991-1996)
पीवी (पामुलापति वेंकट) नरसिंह राव भारत के नौवें प्रधानमंत्री थे।
राव ने अपनी प्राथमिक शिक्षा वारंगल शहरी जिले के भीमदेवरापल्ली मंडल के कटकुरु गांव में पूरी की और उस्मानिया विश्वविद्यालय के कला कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई की। फिर वे हिसलोप कॉलेज (अब नागपुर विश्वविद्यालय के अधीन) गए, जहाँ उन्होंने कानून में मास्टर डिग्री पूरी की। उन्होंने बॉम्बे विश्वविद्यालय (अब मुंबई) के पुणे में फर्ग्यूसन कॉलेज से अपना कानून की शिक्षा पूरी की l
नरसिम्हा राव ने सत्यम्मा राव से शादी की l
उन्हें "भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक" के रूप में भी जाना जाता है l
राव 1971 से 1973 तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे और भूमि सुधार और भूमि सीलिंग अधिनियमों को सख्ती से लागू किया और राव दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश से प्रधान मंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति थे।
वह 14 जनवरी 1980 से 18 जुलाई 1984 तक और फिर 1988 से 1989 तक विदेश मंत्री रहे, 19 जुलाई 1984 से 31 दिसंबर 1984 तक गृह मंत्री और 31 दिसंबर 1984 से 25 सितंबर 1985 तक रक्षा मंत्री रहे । उन्होंने 5 नवंबर 1984 से योजना मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला। उन्होंने 25 सितंबर 1985 से मानव संसाधन विकास मंत्री के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने मार्च 1980 में न्यूयॉर्क में जी-77 बैठक की अध्यक्षता भी की।
विश्व में सबसे बड़ा छोटा लम्बा ऊँचा
राव को 9 दिसंबर 2004 को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ले जाया गया जहां 14 दिन बाद 83 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। पीवी नरसिम्हा राव के शरीर को अंतिम संस्कार के लिए हैदराबाद ले जाया गया।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री थे।
वे हिन्दी के कवि, पत्रकार और प्रखर वक्ता थे।
उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में तीन बार सेवा की, पहली बार 1996 में 13 दिनों की अवधि के लिए, फिर 1998 से 1999 तक 13 महीने की अवधि के लिए, फिर 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल के लिए।
1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और वाजपेयी पहली बार प्रधानमंत्री बने। हालांकि, संसद में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं करने के कारण 13 दिनों में उनकी सरकार गिर गई।
1998 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने अधिक सीटें जीतीं और कुछ अन्य पार्टियों की मदद से वाजपेयी ने एनडीए का गठन किया और वे फिर से प्रधानमंत्री बने। यह सरकार 13 महीने चली, लेकिन बीच में ही जयललिता की पार्टी ने सरकार छोड़ दी, जिससे सरकार गिर गई। 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में लौटी और इस बार वाजपेयी जी ने अपना कार्यकाल पूरा किया।
वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के पहले प्रधान मंत्री थे जिन्होंने बिना किसी समस्या के गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री पद के 5 साल पूरे किए। उन्होंने 81 मंत्रियों वाले 24 दलों के गठबंधन के साथ सरकार बनाई।
अटल बिहारी वाजपेयी 1977 से 1979 तक प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रहे ।
आजीवन अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा के कारण उन्हें "भीष्मपितामाह" भी कहा जाता था ।
उनके कार्यकाल के दौरान, राजस्थान के पोखरण जिले में पोखरण द्वितीय परमाणु परीक्षण 1998 में अपने पहले परमाणु परीक्षण (स्माइलिंग बुद्धा) 1974 के 24 वर्षों के बाद में पूरा किया गया था।
19 फरवरी 1999 को दिल्ली से लाहौर के लिए सदा-ए-सरहद के नाम से एक बस सेवा शुरू की गई थी । इस सेवा का उद्घाटन करते हुए वाजपेयी जी ने पहले यात्री के रूप में पाकिस्तान की यात्रा की और नवाज शरीफ से मुलाकात की और आपसी संबंधों में एक नई शुरुआत की।
1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान, पाकिस्तानी सेना और आतंकवादियों ने कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ की और कई पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया, जिसके कारण कारगिल युद्ध हुआ। इस युद्ध में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण भारतीय सेना को जान-माल का बहुत नुकसान हुआ था।
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना या GQ परियोजना भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए शुरू की गई थी। इसके तहत दिल्ली, कलकत्ता, चेन्नई और मुंबई को हाईवे से जोड़ा गया।
नरेंद्र मोदी के प्रशासन ने 2014 में घोषणा की कि वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
वाजपेयी ने अपनी स्कूली शिक्षा ग्वालियर के सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त की। 1934 में, उन्हें उज्जैन जिले के बरनगर में एंग्लो-वर्नाक्युलर मिडिल (एवीएम) स्कूल में भर्ती कराया गया। वाजपेयी ने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब महारानी लक्ष्मी बाई गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस) से हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में बीए की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने डीएवी कॉलेज, कानपुर से राजनीति विज्ञान में एमए के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।
1980 में अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता पार्टी से नाखुश होकर इसे छोड़ दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना में जुट गए। अटल बिहारी वाजपेयी 6 अप्रैल 1980 को भाजपा के अध्यक्ष बने ।
2015 में, उन्हें भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी द्वारा भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ‘भारत रत्न’, से सम्मानित किया गया और 1992 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उम्र संबंधी बीमारी से 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया ।
अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा लिखित पुस्तकों और कविताओं की सूची -
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एचडी (हरदानहल्ली डोड्डेगौड़ा) देवेगौड़ा भारत के ग्यारहवें प्रधानमंत्री थे। वह 1994 से 1996 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रहे ।
गौड़ा ने एलवी पॉलिटेक्निक, हसन से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया।
गौड़ा ने 1954 में चेन्नम्मा से शादी की ।
1996 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। बीजेपी को 161 सीटें मिलीं और बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी l कांग्रेस 141 सीटों के साथ दूसरे और जनता दल 46 सीटों के साथ तीसरे स्थान पर रही थी. सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता मिला था l
16 मई 1996 को अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन उन्हें लोकसभा में बहुमत नहीं मिला और 13 दिनों के भीतर ही सरकार गिर गई।
तब अगली पार्टी कांग्रेस के पास 141 सीटें थीं, लेकिन कांग्रेस ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। इसके बाद जनता दल, समाजवादी पार्टी और द्रमुक जैसी लगभग 13 पार्टियों के गठबंधन संयुक्त मोर्चा ने सरकार बनाने के बारे में सोचा, जिसका कांग्रेस ने समर्थन किया।
एचडी देवेगौड़ा का नाम भारत के प्रधान मंत्री के रूप में प्रस्तावित किया गया था। एचडी देवेगौड़ा ने 1 जून 1996 को भारत के 11वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी l
एचडी देवेगौड़ा ने 21 अप्रैल 1997 तक प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया l
स्थल-रुद्ध देश (landlocked country) किसे कहते हैं
करीब 11 महीने बाद कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया और देवेगौड़ा को इस्तीफा देना पड़ा।
देवेगौड़ा वर्तमान में राजनीति में सक्रिय हैं और वह जनता दल-सेक्युलर के अध्यक्ष हैं। वह कर्नाटक की हसन सीट से सांसद भी हैं।
इंद्र कुमार गुजराल भारत के बारहवें प्रधानमंत्री थे।
उन्होंने डीएवी कॉलेज, हैली कॉलेज ऑफ कॉमर्स और फॉर्मन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर से पढ़ाई की। उन्होंने MA, B.Com, Ph.D और D. Litt की उपाधि प्राप्त की थी।।
हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषाओं में पारंगत होने के साथ-साथ वे कई अन्य भाषाओं के भी जानकार थे।
इंदर कुमार गुजराल ने 1945 में शीला गुजराल से शादी की।
1996 में, दो साल के भीतर तीन प्रधान मंत्री बने लेकिन फिर भी, लोकसभा का कार्यकाल पूरा नहीं हो सका। भाजपा के अटल बिहारी वाजपेयी और संयुक्त मोर्चा के एचडी देवगौड़ा के बाद, इंद्र कुमार गुजराल 21 अप्रैल 1997 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के समर्थन से तीसरे प्रधान मंत्री बने ।
लेकिन करीब 11 महीने बाद कांग्रेस ने अपना समर्थन वापस ले लिया और गुजराल सरकार गिर गई।
इंद्र कुमार गुजराल ने 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 तक भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया l
भारत के प्रधान मंत्री बनने से पहले, गुजराल 1996 में विदेश मंत्री बने । 28 जून 1996 को, उन्होंने जल संसाधन मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला।
वे वर्ष 1989-90 में जल संसाधन मंत्री थे। वह 1976 से 1980 तक और 1967 से 1976 तक यूएसएसआर में भारत के राजदूत (कैबिनेट स्तर) थे।
उन्होंने संचार और संसदीय कार्य मंत्री, निर्माण और आवास मंत्री, सूचना और प्रसारण मंत्री, योजना मंत्री का पद संभाला।
अपने छोटे से कार्यकाल के दौरान, उन्होंने गुजराल सिद्धांत नीति पेश की, जिसने पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत किया।
उन्हें 'राजनीति के भद्रपुरुष' के रूप में जाना जाता है ।
30 नवंबर 2012 को 92 वर्ष की आयु में मेदांता अस्पताल, गुड़गांव, हरियाणा में फेफड़ों के संक्रमण के कारण उनका निधन हो गया। 1 दिसंबर को शमता स्थल पर उनका अंतिम संस्कार किया गया।
अटल बिहारी वाजपेयी ने दो बार असफल होने के बाद पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
मनमोहन सिंह भारत के तेरहवें प्रधानमंत्री थे l
मनमोहन सिंह जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे प्रधान मंत्री थे, जो पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद फिर से चुने गए थे। वह भारत के पहले सिख प्रधान मंत्री थे।
डॉ. सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। फिर उन्होंने 1952 में स्नातक की डिग्री और 1954 में पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चले गए जहाँ से उन्होंने पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की । बाद में 1962 में, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नुफ़िल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल किया।
1957 में सेंट जॉन्स कॉलेज के सदस्य के रूप में उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में अपना अर्थशास्त्र ट्राइपोज़ पूरा किया।
वह पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर थे। वह दिल्ली विश्वविद्यालय में मानद प्रोफेसर भी बने।
इस बीच, वह संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन सचिवालय में सलाहकार भी थे और 1987 से 1990 तक जिनेवा में दक्षिण आयोग में सचिव थे।
डॉ. सिंह को भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार (1972-1976) के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके तुरंत बाद, 1972 में, उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया।
भारत के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे
अपने बाद के वर्षों में, वह राजीव सरकार में योजना आयोग (1985-1987) के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर (1982-1985), 1990 में प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी रहे।
उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में 21 जून 1991 से 16 मई 1996 तक वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया। मनमोहन सिंह देश में ‘आर्थिक सुधारों’ के लिए जाने जाते हैं।
मनमोहन सिंह को ‘उदारीकरण’, ‘निजीकरण’ और ‘वैश्वीकरण’ का जनक भी माना जाता है।
2004 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को बहुमत मिला और मनमोहन सिंह ने 22 मई 2004 को प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली और 22 मई 2009 को वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने ।
2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और कोयला आवंटन घोटाला मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुआ था। इन घोटालों के कारण मनमोहन सरकार की आलोचना हुई थी।
वर्तमान में, वह राजस्थान से राज्यसभा सदस्य हैं ।
मनमोहन सिंह के पुरस्कार और सम्मान -
विश्व के 7 महाद्वीप कौन-कौन से है
नरेंद्र मोदी 26 मई 2014 से भारत के चौदहवें और वर्तमान प्रधान मंत्री हैं ।
वह गुजरात के मुख्यमंत्री भी रहे है l वे केशुभाई पटेल के स्थान पर गुजरात के मुख्यमंत्री बने ।
नरेंद्र मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ था।
अटल बिहारी वाजपेयी के बाद, वह लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले दूसरे गैर-कांग्रेसी नेता हैं।
उन्हें गुजरात के लोगों द्वारा 7 अक्टूबर 2001 से 22 मई 2014 तक लगातार चार बार राज्य में उनके काम के कारण मुख्यमंत्री चुना गया था।
नरेंद्र मोदी ने अपनी स्कूली शिक्षा वडनगर के भगवत आचार्य नारायणाचार्य स्कूल में की। 1978 में, मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1983 में, उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री प्राप्त की।
भारत की सीमा कितने देशों से लगती है
मोदी ने जशोदाबेन चिमनलाल मोदी के साथ अपने बाल विवाह होने के कारण अपना घर छोड़ दिया ।
मोदी का जन्म वडनगर के एक गुजराती परिवार में हुआ था और 8 साल की उम्र में वे आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) में शामिल हो गए थे। वे भाजपा के सदस्य भी हैं। वह 1985 में भाजपा में शामिल हुए थे।
2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मोदी जी के नेतृत्व में 282 सीटें जीतकर अभूतपूर्व सफलता हासिल की थी।
एक सांसद के रूप में, उन्होंने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और वडोदरा (गुजरात) संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दोनों जगहों से जीत हासिल की।
मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली थी ।
साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने मोदी के नेतृत्व में फिर से चुनाव लड़ा और इस बार कुल 303 सीटें जीतीं l
वह दोनों बार बहुमत से जीतने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं।
उत्तराखंड के प्रमुख पर्यटन स्थल
बीजेपी के सहयोगी दल एनडीए को कुल 352 सीटें मिली थीं l
नरेंद्र मोदी 30 मई 2019 को शपथ लेकर लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। वह भारत के चौथे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिन्होंने लगातार दो कार्यकाल पूरे किए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्तमान उम्र 70 वर्ष है।
अनुच्छेद 75: भारत के प्रधान मंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री की सलाह पर की जाती है।
नीचे आप भारत के प्रधान मंत्री का वार्षिक और मासिक वेतन देख सकते हैं :
मासिक: ₹ 1,60,000.00 (30% वेतन कटौती के बाद प्रति माह मूल वेतन)
मासिक: ₹ 2,00,000 (प्रति माह मूल वेतन)
वार्षिक: ₹ 19,20,000.00
उत्तराखंड के शहरों के प्राचीन नाम
कर्क रेखा, मकर रेखा और भूमध्य रेखा क्या है
Q.1 भारत के पहले प्रधान मंत्री कौन थे?
जवाहर लाल नेहरू
Q.2 भारत के दूसरे प्रधान मंत्री कौन थे?
लाल बहादुर शास्त्री
Q.3 भारत के कौन से प्रधान मंत्री एक वाणिज्यिक पायलट थे?
राजीव गाँधी
Q.4 सबसे कम उम्र के प्रधान मंत्री कौन थे?
राजीव गाँधी
Q.5 प्रधानमंत्री बनने की न्यूनतम आयु सीमा क्या है?
25 साल
Q.6 दूसरे सबसे युवा प्रधानमंत्री कौन थे?
इंदिरा गाँधी
Q.7 भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री कौन थी?
इंदिरा गाँधी
Q.8 1971 में भारत का प्रधानमंत्री कौन था?
इंदिरा गाँधी
Q.9 भारत के प्रधान मंत्री की नियुक्ति कौन करता है?
भारत के राष्ट्रपति
Q.10 प्रधान मंत्री का कार्यकाल क्या है?
5 साल
Q.11 कौन से प्रधानमंत्री का कार्यकाल सबसे छोटा था?
अटल बिहारी वाजपेयी
Q.12 कोई व्यक्ति भारत का पीएम कितनी बार बन सकता है?
भारत में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। एक व्यक्ति अपनी पार्टी द्वारा मनोनीत और देश द्वारा निर्वाचित जितनी बार भी प्रधानमंत्री हो सकता है
Q.13 शास्त्री के बाद प्रधानमंत्री कौन थे?
इंदिरा गाँधी
Q.14 गुलजारीलाल नंदा का जन्म कहाँ हुआ था?
सियालकोट, पंजाब
Q.15 भारत के पहले भाजपा प्रधान मंत्री कौन थे?
अटल बिहारी वाजपेयी
Q.16 मोदी से पहले पीएम कौन थे?
मनमोहन सिंह
Q.17 भारत के सबसे युवा प्रधान मंत्री कौन थे?
प्रधान मंत्री बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति राजीव गांधी थे, जो 40 साल, 72 दिन की उम्र में प्रधान मंत्री बने।
Q.18 किस प्रधान मंत्री का कार्यकाल सबसे लंबा है?
जवाहर लाल नेहरू