हमने कई बार आर्टिकल 370 और 35 ए के बारे में चर्चा होते हुए सुना होगा I हम जानते है कि आर्टिकल 370 और 35 ए जम्मू कश्मीर राज्य से जुड़ा है I आर्टिकल 35 ए जम्मू कश्मीर के निवासियों को विशेष नागरिकता अधिकार प्रदान करता है I
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ इसी दिन जम्मू कश्मीर राज्य को भी स्वतंत्रता मिली I राजा हरी सिंह जम्मू कश्मीर राज्य के शासक थे और वे जम्मू कश्मीर को भारत से स्वतंत्र रखना चाहते थे I इसलिए जम्मू कश्मीर भारत में शामिल नही हुआ I परन्तु जब 20 अक्टोबर 1947 को पाकिस्तानी आर्मी ने जम्मू कश्मीर पर आक्रमण किया और उसके एक बड़े हिस्से पर अधिकार कर लिया जिसे हम पाक अधिक्रत कश्मीर के नाम से जानते है I तब राजा हरी सिंह ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से सहायत मांगी और उन्होंने 26 अक्टूबर 1947 को एक विलय पत्र पर हस्ताक्षर किये जिसमे जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग माना गया I
इस समझोते के अनुसार भारतीय संसद को जम्मू कश्मीर में केवल तीन विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है - संचार , रक्षा और विदेशी मामले I और अन्य विषयों के मामले में जम्मू कश्मीर राज्य को एकाधिकार है I और भारतीय संसद को उन मामलो में हस्तक्षेप करने का अधिकार नही है I
इसी समय भारतीय संविधान में आर्टिकल 370 जोड़ा गया I इस आर्टिकल के अंतर्गत ही जम्मू कश्मीर राज्य के लोगो को दो नागरिकता प्राप्त है एक भारत और एक जम्मू कश्मीर राज्य की I
जम्मू कश्मीर राज्य भारत का अभिन्न अंग है और यह भारत और पाकिस्तान के बीच में विवाद का कारण भी है I यही कारण है की जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष राज्य की श्रेणी में रखा गया I और जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा आर्टिकल 370 के अंतर्गत दिया गया I और आर्टिकल 35 ए के अंतर्गत जम्मू कश्मीर राज्य के नागरिको को विशेष नागरिकता अधिकार दिया गया I
जम्मू कश्मीर राज्य में कोई कानून लागू करने के लिए वहां की संसद से अनुमति लेनी पड़ती है I
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 भारत सरकार के रक्षा मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया I इसमें जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशो जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव रखा गया I जम्मू कश्मीर में अपनी विधायिका होगी जबकि लद्दाख में विधायिका नहीं होगी I इस अधिनियम को राज्यसभा द्वारा पारित कर दिया गया और अगले दिन लोकसभा ने भी इस अधिनियम को पारित कर दिया I और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह अधिनियम क़ानून बन गया I इस अधिनियम के अनुसार भारतीय संविधान द्वारा पारित सभी प्रावधान जम्मू और कश्मीर पर लागू होंगे। धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा भी समाप्त हो गया है I
जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के साथ ही भारत में राज्यों की संख्या 28 और केंद्र शासित प्रदेशो की संख्या 9 हो गयी है l
जम्मू कश्मीर में धारा 370 समाप्त होने के बाद कई इसे प्रावधान जो जम्मू कश्मीर के नागरिको को भारत से अलग करते थे समाप्त हो गये है अब भारत का कोई भी व्यक्ति जम्मू कश्मीर में जमीन खरीद सकता है इसी के साथ अन्य राज्यों के नागरिक भी जम्मू कश्मीर में सरकारी नोकरी पा सकते है और अन्य किसी राज्य का नागरिक जम्मू कश्मीर के चुनाव में उम्मीदवार बन सकता है और वोट भी दे सकता है I अब जम्मू कश्मीर की किसी लडकी को भारत में किसी भी लड़के से विवाह करने पर अपनी नागरिकता नहीं खोनी पड़ेगी I
जम्मू कश्मीर की विधान सभा का कार्यकाल 6 वर्ष की जगह 5 वर्ष ही होगी I
इन सभी प्रावधानों की साथ जम्मू कश्मीर एक नया केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है I