भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है

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आज के इस आर्टिकल में हम आपको भारत के एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी के विषय में बताने वाले है साथ ही भारत में कुल कितने ज्वालामुखी है यह भी जानकारी देंगे l 

आप हमारे पिछले आर्टिकल से विश्व के प्रमुख ज्वालामुखियों के विषय में भी पढ़ सकते है l 

आप में से कई लोगो को नहीं पता होगा कि भारत में ज्वालामुखियों की संख्या कितनी है और भारत का सबसे बड़ा ज्वालामुखी कौन सा है l तो आज के इस आर्टिकल में ये सभी जानकारी आपको मिलने वाली है l 

ज्वालामुखी क्या होता है l ज्वालामुखी के प्रकार 

“सक्रिय ज्वालामुखी वे ज्वालामुखी होते है जिनसे लगातार उद्भेदन/विस्फोट होता रहता है l” 

आइये सबसे पहले जान लेते है भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी के विषय में -

भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है?

भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है?

  • बैरन द्वीप भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है l 
  • यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 138 किमी उत्तर पूर्व में बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
  • बैरन द्वीप अंडमान में स्थित द्वीपों में सबसे पूर्व में स्थित है l 
  • बैरन द्वीप भारत ही नहीं अपितु पूरे दक्षिण एशिया में स्थित एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है l 
  • बैरन का अर्थ होता है बंजर l जहां कोई निवास नहीं करता l 
  • यहाँ पर कोई भी मानव जाति निवास नहीं करती जबकि कुछ बकरियां, चमगादड़ जैसे पक्षी और चूहे यहाँ निवास करते है l 
  • बैरन द्वीप लगभग 3 किमी में फैला हुआ है l 
  • बैरन द्वीप में पहली बार ज्वालामुखी विस्फोट 1787 में हुआ था l इसके पश्चात इसमें लगभग 10 बार विस्फोट देखा जा चुका है l 
  • बैरन द्वीप से लगातार लावा और धुआं निकल रहा है l 
  • 150 वर्षों तक निष्क्रिय रहने के बाद 1991 में पुन: सक्रिय होने के बाद से यह रुक-रुक कर सक्रिय हो रहा है।
  • बैरन द्वीप के आसपास के पानी को दुनिया के शीर्ष स्कूबा डाइविंग स्थलों में से एक माना जाता है। यहां के साफ पानी में मंटा किरणों, कोरल और लावा चट्टानों को देखने के लिए स्कूबा डाइविंग की सुविधा है।

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भारत में कुल कितने ज्वालामुखी है ?

भारत में कुल 7 ज्वालामुखी है इनमे से केवल बैरन ज्वालामुखी ही एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है बाकी अन्य ज्वालामुखी मृत/प्रसुप्त ज्वालामुखी है l 

भारत में स्थित 7 ज्वालामुखी इस प्रकार है - 

क्रम सं 

ज्वालामुखी 

स्थिति 

ऊंचाई 

प्रकृति 

1.

बैरन 

अंडमान द्वीपसमूह 

354 m (1161ft)

सक्रिय 

2.

नारकोंदम 

अंडमान द्वीपसमूह 

710 m (2329ft)

प्रसुप्त 

3.

बरातांग 

अंडमान द्वीपसमूह

532 m (1745ft)

प्रसुप्त 

4.

दक्कन ट्रैप 

महाराष्ट्र 

1500 m (4910ft)

5.

धनोधर पर्वत 

गुजरात 

386 m (1266ft)

मृत 

6.

धोसी पहाड़ी 

हरियाणा 

740 m (2427ft)

मृत 

7.

तोशाम पहाड़ी 

हरियाणा 

207 m (679ft)

मृत 

आइये भारत में स्थित इन ज्वालामुखियों के विषय में विस्तार से जान लेते है l 

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नारकोंदम द्वीप 

  • नारकोंदम द्वीप भारत का सबसे पूर्वतम द्वीप है l 
  • भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के द्वारा इसे प्रसुप्त ज्वालामुखी की श्रेणी में रखा गया है l 
  • यह अंडमान द्वीपसमूह में स्थित है l 
  • इसकी मुख्य चोटी समुद्र तल से लगभग 710 मीटर की ऊँची है।
  • यह उत्तर और मध्य अंडमान जिले के अंतर्गत प्रशासनिक रूप से एक गाँव भी है।
  • नारकोंदम द्वीप पर सैकड़ो वर्षो से कोई ज्वालामुखी सक्रियता नहीं दिखाई दी है इसलिए इसे प्रसुप्त ज्वालामुखी कहा जाता है l 
  • नारकोंडम नाम तमिल शब्द नारका-कुंड्रम से लिया गया है जिसका अर्थ होता है "नरक का गड्ढा।
  • यह द्वीप पोर्ट ब्लेयर से 256 किमी (159 मील) उत्तर पूर्व में स्थित है।
  • इसके दक्षिण पश्चिम में लगभग 150 किमी (93 मील) दूर बैरन द्वीप का सक्रिय ज्वालामुखी द्वीप स्थित है।
  • यह द्वीप बड़े पैमाने में वन से घिरा हुआ है l 
  • नारकोंडम द्वीप का ज्वालामुखी पर्वत, 710 मीटर ऊंचा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का दूसरा सबसे ऊंचा स्थान है, पहला 752 मीटर ऊंचा उत्तरी अंडमान द्वीप का सैडल पीक है।
  • डिगलीपुर से चलने वाले जहाजों के जरिए नारकोंडम द्वीप तक पहुंचा जा सकता है। यहाँ पहुचने के लिए हेलीकाप्टर सुविधा भी उपलब्ध है।

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बरातांग द्वीप 

  • बरातांग द्वीप भारत के अंडमान निकोबार द्वीपसमूह का एक द्वीप है l 
  • यह द्वीप पोर्ट ब्लेयर से 150 किमी (93 मील) उत्तर में स्थित है।
  • रांचीवालास द्वीप बाराटांग द्वीप का दूसरा नाम है।
  • बाराटांग भारत में ‘मड ज्वालामुखियों’ का एकमात्र ज्ञात उदाहरण है। 
  • 2005 में हाल ही में हुए विस्फोटों को 2004 के हिंद महासागर भूकंप से जुड़ा हुआ माना जाता है। पिछला प्रमुख विस्फोट 18 फरवरी 2003 को दर्ज किया गया था। 
  • स्थानीय लोग इस मिट्टी के ज्वालामुखी को ‘जलकी’ कहते हैं।
  • पोर्ट ब्लेयर शहर में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निकटतम हवाई अड्डा है l
  • यह द्वीप मुख्य रूप से माइग्रेट छोटा नागपुरी जनजातियों द्वारा बसा हुआ है।
  • द्वीप के प्रमुख आकर्षणों में चूना पत्थर की गुफाएं, मिट्टी का ज्वालामुखी, तोता द्वीप, और बलुडेरा बीच शामिल हैं।

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दक्कन बंध/ट्रैप 

  • डेक्कन ट्रैप भारत के पश्चिमी भाग में स्थित एक क्षेत्र है।
  • यह पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के बीच स्थित है l 
  • उत्तर की ओर, यह सतपुड़ा और विंध्य पर्वतमाला से घिरा है।
  • यह पृथ्वी पर सबसे बड़ी ज्वालामुखीय स्वरूपों में से एक है, जो एक बड़े ढाल ज्वालामुखी का रूप ले रहा है।
  • इस तरह के रॉक संरचनाओं के लिए 1785-1795 से भूविज्ञान में ट्रैप शब्द का उपयोग किया गया है।
  • डेक्कन नाम का संस्कृत शब्द से उत्पन्न है जिसका अर्थ है "दक्षिणी"।
  • डेक्कन ट्रैप प्रायद्वीपीय पठार पर काली मिटटी का एक क्षेत्र है। 
  • इसकी चट्टानें आग्नेय हैं और इनका मूल ज्वालामुखी है। कालान्तर में इन चट्टानों के अपरदन से काली मिट्टी उत्पन्न हुई है।

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धनोधर पर्वत 

  • धिनोधर पहाड़ियाँ भारत में गुजरात के कच्छ जिले के नखतराना तालुका में नानी अरल गाँव के पास स्थित हैं। 
  • धिनोधर हिल एक पर्यटक और तीर्थ स्थान है।
  • धिनोधर ज्वालामुखी का अपरदित अवशेष है।
  • धोरामनाथ मंदिर के कारण पहाड़ी तीर्थस्थल है।
  • इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में वन्य जीवन और वनस्पतियां हैं और यह एक ट्रेकर गंतव्य है। 
  • 2011 से हर साल दिसंबर और जनवरी के बीच यहाँ पर ट्रेकिंग प्रतियोगिता आयोजित की जाती है l

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धोसी पहाड़ी 

  • धोसी पहाड़ी अरावली पर्वत श्रृंखला के अंतिम छोर में पश्चिमोत्तर भाग में एक सुप्त ज्वालामुखी है l 
  • महाभारत, पुराण आदि विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में भी इस पहाड़ी का उल्लेख मिलता है।
  • समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 740 मीटर है।
  •  
  • सुप्त ज्वालामुखी की संरचना होते हुए भी भू वैज्ञानिक इसे ज्वालामुखी की संरचना मानने से इंकार करते हैं।
  • भूवैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले 20 लाख वर्षों में अरावली पर्वत श्रृंखला में कोई ज्वालामुखी उद्गार नहीं हुआ है, इसलिए इसे ज्वालामुखीय संरचना मानना सही नहीं है।
  • वर्तमान में पहाड़ी में मंदिर, एक पक्का तालाब, एक किले के खंडहर, गुफाएं और जंगल हैं l 
  • इस पहाड़ी पर एक उत्तम ज्वालामुखी की सभी विशेषताए है जैसे कि एक विशिष्ट क्रेटर जिस पर लावा अभी भी उस पर पड़ा हुआ है और ऊपर से एक पूर्ण शंक्वाकार दृश्य दे रहा है।

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तोशाम पहाड़ी 

  • तोशाम पहाड़ी एक मृत ज्वालामुखी है l 
  • यह हरियाणा राज्य के भिवानी जिले में स्थित है l 
  • इसकी ऊंचाई लगभग 207 मी (679 फीट) है l 
  • मुख्य तोशाम पहाड़ी एक विलुप्त ज्वालामुखी है जो कभी वर्तमान से दस लाख वर्ष पहले फटा था।
  • अरावली क्रेटन में यह श्रेणी एक विलुप्त ज्वालामुखी के गिरे हुए कक्ष के बाहरी रिंग का अवशेष है।
  • यह हरियाणा के प्रमुख जैव विविधता स्थलों में से एक है।

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भारत के प्रमुख ज्वालामुखी FAQ’s

  • भारत में कुल कितने ज्वालामुखी है ?

भारत में कुल 7 ज्वालामुखी है जिसमे से एक सक्रिय और अन्य 6 मृत/प्रसुप्त ज्वालामुखी है l 

  • ज्वालामुखी कितने प्रकार के होते है?

ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते है - सक्रिय, प्रसुप्त, और मृत l 

  • क्या केरल में कोई ज्वालामुखी है?

नहीं केरल में कोई भी ज्वालामुखी नहीं है l 

  • क्या भारत में कोई ज्वालामुखी पर्वत है?

हां, भारत में 7 ज्वालामुखी है l 

  • दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है ?

बैरन ज्वालामुखी दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है l

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निष्कर्ष 

आज के आर्टिकल में हमने आपको भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी कौन सा है इसके बारे में बताया इसके साथ ही भारत में स्थित 7 ज्वालामुखियों की सूची भी प्रदान की है l 

उम्मीद है इस आर्टिकल ने भारत के ज्वालामुखियों के सम्बन्ध में आपके सभी प्रश्नों का उत्तर दे दिया होगा l यदि और भी कोई प्रश्न आपके मन में है तो आप उसे भी आप नीचे दिए गए  comment box में हमसे पूछ सकते है l 

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