भारत मे कितनी भाषाएँ बोली जाती है ?

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यदि आप से पूछा जाये कि भारत मे कितनी भाषाएँ बोली जाती है तो क्या आप इस प्रश्न का उत्तर दे पायेंगे ? यदि नहीं तो इस लेख मे आप इस प्रश्न का उत्तर भली भांति समझ जायेंगे । 

भारत में कितनी भाषाएँ बोली जाती है?

हम सभी जानते है की भारत विविधताओ का देश है । जिस प्रकार भारत विभिन्न धर्म, जाति, परम्पराओं, सस्कृतियों एवं भाषाओ को अपने भीतर समेटे हुए है उस प्रकार संभवतः विश्व के किसी भी देश मे देखने को नहीं मिलता । हमारा देश भारत अनेकता मे एकता का प्रतीक है क्योंकि विभिन्न प्रकार की संस्कृतियाँ, भाषाएँ, धर्म आदि होने के बाद भी हमारा देश भारत अखंड है । 

हम सभी जहां भी निवास करते है वहाँ की संस्कृति एवं भाषा को अपनाते है । उदाहरण के तौर पर आप देख सकते है कि उत्तर भारत, मध्य भारत, पूर्वी भारत, पश्चमी भारत, एवं दक्षिणी भारत मे बोली जाने वाली भाषाओ मे कितना अंतर है । 

उत्तरी एवं मध्य भारत मे मुख्य रूप से हिन्दी बोली जाती है । दक्षिणी भारत मे तमिल, तेलगु , एवं कन्नण भाषा, पूर्वी भारत मे बंगला, उड़िया, पश्चमी भारत मे गुजराती, मराठी, हरयाणवी आदि भाषाएँ बोली जाती है । 

इस प्रकार हम देख सकते है की भारत अनेक भाषाओ वाला देश है । एक भारतीय होने के नाते आपको यह पता होना चाहिए कि भारत की कोई राष्ट्र भाषा है अथवा नहीं l 

भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है?

आप सभी को जानकार हैरानी होगी कि इतनी सारी भाषाएँ होने के बाद भी भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है । जी हाँ, अमेरिका एवं ब्रिटेन जहां अँग्रेजी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है क्योंकि वहाँ कि अधिकतर आबादी द्वारा बोली जाने वाली भाषा अँग्रेजी ही है । 

भारत मे भी अधिकतर आबादी द्वारा हिन्दी भाषा बोली जाती है। भारत की 40 - 50 फीसदी आबादी हिन्दी भाषी है फिर भी हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त नहीं है । 

हम मे से कई लोग हिन्दी को भारत की राष्ट्रीय भाषा समझते है परंतु हिन्दी भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है। 

हिन्दी को देश की आधिकारिक भाषा होने का दर्जा प्राप्त है । हिन्दी के साथ ही अँग्रेजी को भी देश की आधिकारिक भाषा होने का दर्जा प्राप्त है अर्थात सरकारी कामकाजो मे प्रयोग की जाने वाली भाषा हिन्दी एवं अँग्रेजी है । 

हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा तो नहीं परंतु राजभाषा अवश्य है । संविधान की अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार भारत की राजभाषा हिन्दी एवं लिपि देवनागरी है और राजभाषा के संबंध मे व्यवस्था संविधान के भाग 17 के अनुच्छेद 343 से 351 तक की गयी है । 

हिन्दी को भारत की राजभाषा के रूप मे 14 सितंबर 1949 को स्वीकार किया गया । इसी कारण ही प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप मे मनाया जाता है । 

संविधान मे कहीं भी राष्ट्रभाषा का उल्लेख नहीं है । 

राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद द्वारा सर्वप्रथम 1955 मे राजभाषा आयोग का गठन किया गया । इस आयोग के अध्यक्ष वी.जी. ख़ैर थे । 

संविधान के अनुच्छेद 345 के अंतर्गत प्रत्येक राज्य की विधानमंडल को यह अधिकार दिया गया कि वह अपने राज्य के राजकीय कार्यो हेतु संविधान कि आठवीं अनुसूची मे प्रयुक्त भाषाओ मे से किसी भी भाषा को चुन सकता है और उसे राज्य कि राजभाषा के रूप मे भी अपना सकता है । 

संविधान के अनुच्छेद 348 के तहत सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट की कार्यवाही, संसद, विधानमंडल मे विधेयकों, अधिनियमो, व अध्यादेशों आदि हेतु भाषा का प्रावधान है । सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट की भाषा अँग्रेजी होगी । 

संसद, विधान मंडलो मे प्रस्तुत विधेयकों या संशोधनों, पारित अधिनियमो, राष्ट्रपति व राज्यपाल द्वारा पारित अध्यादेशों, संसद द्वारा बनाए गए नियमो का प्रावधान अँग्रेजी मे होगा । किन्तु किसी राज्य का राज्यपाल राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति से हाई कोर्ट मे हिन्दी अथवा उस राज्य की शासकीय भाषा को अधिकृत करा सकता है लेकिन हाई कोर्ट द्वारा किसी निर्णय पर यह लागू नहीं होगा ।

भारत में कितनी भाषाएँ बोली जाती है? (How Many Languages are Spoken in India?)

भारतीय संविधान कि आठवीं अनुसूची मे 22 भाषाओ को मान्यता दी गयी है आरंभ मे आठवीं अनुसूची मे केवल 14 भाषाएँ ही थी परंतु बाद मे संवैधानिक संशोधन द्वारा 8 अन्य भाषाओ को मान्यता दी गयी । आठवीं अनुसूची मे दी गयी भाषाओ (22 official languages of India) की सूची इस प्रकार है - 

  1. असमिया
  2. बांग्ला
  3. गुजराती
  4. हिन्दी
  5. कन्नड़
  6. कश्मीरी
  7. मलयालम
  8. मराठी
  9. उड़िया
  10. पंजाबी
  11. संस्कृत
  12. तमिल
  13. उर्दू
  14. तेलुगु

इसके परश्चात 21 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा 1967 मे सिंधी, 71 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा 1992 मे मणिपुरी, नेपाली एवं 92 वें संवैधानिक संशोधन द्वारा 2003 मे मैथिली, डोगरी, बोडो एवं संथाली को संविधान की आठवीं अनुसूची मे जोड़ा गया । 

राज्यों की राजभाषा: हिंदी

वर्तमान मे 8 राज्यो द्वारा हिन्दी को राजभाषा के रूप मे अपनाया गया है - उत्तर पदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, एवं एक केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली । 

जबकि गुजरात महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पंजाब, एवं अंडमान निकोबार मे द्वितीय राजभाषा हिन्दी है ।

भारत की भाषाएँ: निष्कर्ष 

भारत जैसे विशाल एवं विविधताओ वाले देश मे अनुमान लगाना थोड़ा मुश्किल है कि भारत मे कुल कितनी भाषाएँ बोली जाती है क्योकि भारत मे कई ऐसी भाषाएँ है जो आपस मे काफी समान है तो इस प्रकार से भाषाओ की गणना करना लगभग मुश्किल है । 

वर्तमान मे केवल 22 भाषाओ को ही मान्यता प्राप्त है । परंतु 2011 की जनगणना के अनुसार यदि प्रति 10,000 लोग एक ही भाषा को बोलते है और इस प्रकार से भारत मे भाषाओ की गणना की जाये तो ऐसी भारत मे 122 भाषाएँ है जो विभिन्न क्षेत्रो मे बोली एवं समझी जाती है । 

तो अब आप इस प्रश्न का उत्तर जान गए होंगे की भारत मे कितनी भाषाएँ बोली जाती है । कई नयी भाषाओ को आठवीं अनुसूची मे शामिल करने के प्रयास समय-समय पर किए जाते रहे है परंतु मान्यता प्राप्त भाषाएँ केवल 22 ही है । हिन्दी को भी समय-समय पर राष्ट्रभाषा बनाने प्रयास किए जाते रहे है। अथक प्रयासो के बाद भी अहिंदी भाषियों के विरोध के कारण मुख्य रूप से दक्षिण भारत के लोगो द्वारा, हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं प्राप्त हो सका है । रोचक बात यह है कि अँग्रेजी नागालैंड, मेघालय, एवं मिज़ोरम की राजभाषा है परंतु इसे आठवीं अनुसूची मे स्थान नहीं दिया गया है । 

कई अन्य भाषी लोग अपनी भाषा को संविधान की अनुसूची मे शामिल करने कि मांग करते रहे है ताकि उनकी भाषा का अस्तित्व बना रहे । 

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