कर्क रेखा, मकर रेखा और भूमध्य रेखा क्या है? इस आर्टिकल में आप पढेंगे ग्लोब पर कर्क रेखा, मकर रेखा, एवं भूमध्य रेखा की स्थिति l कर्क रेखा, मकर रेखा, और भूमध्य रेखा कितने महाद्वीपों एवं देशों से होकर गुजरतीं है l भूमध्य रेखा कर्क रेखा तथा मकर रेखा तीनों किस महाद्वीप से होकर गुजरती है?
सबसे पहले जानते है कि कर्क रेखा, मकर रेखा और भूमध्य रेखा क्या है?
पृथ्वी पर किसी स्थान की भौगोलिक स्थिति ज्ञात करने के लिए ग्लोब पर कुछ खड़ी एवं पड़ी काल्पनिक रेखाएं खींची गयी है जिन्हें अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं कहा जाता है l
ग्लोब पर खींची गयी पड़ी काल्पनिक रेखाओं को अक्षांश एवं ग्लोब पर खींची गयी खड़ी काल्पनिक रेखाओं को देशांतर रेखाएं कहा जाता है l
अक्षांश रेखाएं पूर्व से पश्चिम की ओर खींची गयी रेखाएं है जबकि देशांतर रेखाएं उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गयी रेखाएं है l
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अक्षांशों की कुल संख्या 181 है l दो अक्षांशों के बीच की दूरी लगभग 111 किमी होती है l ध्रुवों की ओर जाने पर अक्षांश रेखाओं की लम्बाई घटती जाती है l दो अक्षांशों के बीच की दूरी को ‘जोन’ कहा जाता है l अक्षांश रेखाओं को ‘सामानांतर रेखाएं’ कहा जाता है l
देशांतर रेखाओं की कुल संख्या 360 है l दो देशांतर रेखाओं के बीच की दूरी 111.3 किमी होती है l ध्रुवों की ओर जाने पर देशांतर रेखाओं की बीच की दूरी घटती जाती है l और ध्रुवों पर इनके बीच की दूरी 0 किमी होती है l
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दो देशान्तरों के बीच की दूरी को ‘गोरे’ कहा जाता है l
अक्षांश एवं देशांतर रेखाएं एक दूसरे को समकोण पर काटते है l दो अक्षांशों एवं दो देशान्तरो के बीच के क्षेत्र को ‘ग्रिड’ कहा जाता है l
Note: 0 डिग्री अक्षांश एवं 0 डिग्री देशांतर अटलांटिक महासागर में स्थित है l |
अक्षांश रेखाओं में पांच प्रमुख रेखाएं शामिल है कर्क रेखा, भूमध्य रेखा, मकर रेखा, आर्कटिक रेखा, और अंटार्कटिक रेखा l ये सभी काल्पनिक रेखाएं होती है l
0° अक्षांश पर स्थित रेखा को भूमध्य रेखा (Bhumadhya Rekha) कहते है l इसे ‘विषुवत रेखा’ एवं ‘शून्य डिग्री अक्षांश’ रेखा भी कहा जाता है l अंग्रेजी में इसे Equator कहते है l
भूमध्य रेखा (Bhumadhya Rekha) पृथ्वी के बीचों-बीच से होकर गुजरती है और पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी गोलार्ध l भूमध्य रेखा के उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते है l अक्षांश रेखाओं में सबसे अधिक लम्बाई भूमध्य रेखा की ही होती है l भूमध्य रेखा(Bhumadhya Rekha) की कुल लम्बाई 40075 किमी है l
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भूमध्य रेखा(Bhumadhya Rekha) पर सदैव तापमान उच्च बना रहता है क्योंकि यहाँ पर सूर्य की किरणें वर्षभर लम्बवत पड़ती है l और यहाँ पर अत्यधिक सूर्यातप की प्राप्ति होती है l उच्च सूर्यातप की प्राप्ति के कारण यहाँ दिन के समय अत्यधिक वर्षा होती है l
भूमध्य रेखा(Bhumadhya Rekha) पर दिन-रात की अवधि सामान होती है l अर्थात यह 12 घंटे का दिन एवं 12 घंटे की रात होती है l 21 मार्च एवं 23 सितंबर को सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर एकदम लम्बत पड़ती है l इसे क्रमशः बसंत विषुव एवं शरद विषुव कहा जाता है l
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अक्षांश वृत्त: पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व में खींची गयी ऐसी काल्पनिक रेखा जो पृथ्वी पर स्थित एक ही अक्षांश वाले सभी स्थानों को जोडती है अक्षांश वृत्त (circle of latitude) रेखा कहलाती है l
महान वृत: पृथ्वी पर पूर्व से पश्चिम या पश्चिम से पूर्व में खींची गयी ऐसी काल्पनिक रेखा जो 0 डिग्री अक्षांश पर स्थित सभी स्थानों को मिलाती है उसे महान वृत या वृहत वृत (Great Circle) रेखा कहा जाता है l इस वृत की लम्बाई पृथ्वी पर स्थित अन्य वृत्तों से अधिक होती है l यह रेखा पृथ्वी की परधि होती है l
उत्तरी गोलार्ध में स्थित 23½° उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा (Kark Rekha) कहते हैं। कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में स्थित सबसे उत्तरी अक्षांश है जिस पर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती है l
21 जून को सूर्य कर्क रेखा (Kark Rekha) पर लम्बवत चमकता है l इस दिन उत्तरी गोलार्ध का सबसे बड़ा दिन होता है जबकि रात सबसे छोटी होती है l सूर्य की किरणें यहाँ लम्बवत पड़ने से यहाँ इस दिन अत्यधिक गर्मी होती है l इसे ‘ग्रीष्म अयनांत’ कहते है l इस घटना को ‘जून क्रांति’ भी कहा जाता है l
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कर्क रेखा(Kark Rekha) को कर्क रेखा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ‘जून क्रांति’ के समय सूर्य कर्क राशि में स्थित होता है l
जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा(Kark Rekha) पर लम्बवत पड़ती है तो कर्क रेखा (Kark Rekha) पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे बनती है या कहें कि नहीं बनती है। यही कारण है कि इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में ‘नो शैडो ज़ोन’ कहा गया है अर्थात ‘परछाई रहित क्षेत्र’ कहा जाता है l
दक्षिणी गोलार्ध में स्थित 23½° दक्षिणी अक्षांश रेखा मकर रेखा (Makar Rekha) कहलाती है l मकर रेखा दक्षिणी गोलार्ध में स्थित सबसे दक्षिणी अक्षांश है जिस पर सूर्य की किरणें लम्बवत पड़ती है l
22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा (Makar Rekha)पर लम्बवत चमकता है इसलिए 22 दिसम्बर को दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन होता है जबकि रात छोटी होती है l इस शीत अयनांत कहते है l और इस घटना को ‘दिसंबर क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है l
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मकर रेखा(Makar Rekha) को मकर रेखा इसलिए कहा जाता है क्योंकि ‘दिसंबर क्रांति’ के समय सूर्य मकर राशि में स्थित होता है l
22 दिसंबर के बाद सूर्य दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर जाने लगता है l इस वजह से उत्तरी गोलार्ध में दिन लम्बे एवं रातें छोटी होती है l जब सूर्य दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की ओर जाता है तो इसे उत्तरायण एवं जब उत्तरी गोलार्ध से दक्षिणी गोलार्ध की ओर जाता है तो इसे दक्षिणायन कहा जाता है l
कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच स्थित क्षेत्र को उष्णकटिबंध क्षेत्र कहते है l कर्क रेखा के उत्तर में जबकि मकर रेखा के दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंध क्षेत्र पाया जाता है l |
उत्तरी गोलार्ध में स्थित 66 ½° उत्तरी अक्षांश रेखा को आर्कटिक वृत्त कहा जाता है l आर्कटिक वृत्त के दक्षिण के क्षेत्र को शीतोष्ण क्षेत्र कहा जाता है l
21 जून के आस-पास जून संक्रांति के समय यहाँ कम से कम 24 घंटो के लिए सूर्यास्त नहीं होता l जबकि 22 दिसंबर को दिसंबर संक्रांति के समय यह सूर्योदय नहीं होता l
आर्कटिक वृत्त में स्थित क्षेत्रों पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती है इसलिए यह शीत जलवायु वाला प्रदेश है l
दक्षिणी गोलार्ध में स्थित 66 ½° दक्षिणी अक्षांश रेखा को अंटार्कटिक वृत्त कहते है l अंटार्कटिक वृत्त के दक्षिण के क्षेत्र को दक्षिण शीतोष्ण क्षेत्र कहा जाता है l
22 दिसंबर को दिसंबर संक्रांति के समय यहाँ कम से कम 24 घंटो के लिए सूर्यास्त नहीं होता जबकि 21 जून के आस-पास जून संक्रांति के समय यहाँ सूर्योदय नहीं होता l
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अंटार्कटिक वृत्त पर भी सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती है l और इसका अधिकांश भाग बर्फ से ढका रहता है इसलिए इसे ‘सफ़ेद महाद्वीप’ भी कहा जाता है l
Note: सबसे बड़ी अक्षांश रेखा भूमध्य रेखा होती है जबकि सबसे छोटी अक्षांश रेखा ध्रुव होती है l |
ध्रुव क्या होते है : पृथ्वी के केंद्र से 90 डिग्री अक्षांश पर ध्रुव स्थित है l उत्तर की ओर 90 डिग्री अक्षांश पर उत्तरी ध्रुव एवं दक्षिण में 90 डिग्री अक्षांश पर दक्षिणी ध्रुव स्थित है l आपको बता दें की पृथ्वी के ध्रुवों पर स्थित जो 90 डिग्री अक्षांश रेखा है वह वह वृत नहीं बनाती अपितु बिंदु के रूप में होती है यही कारण है की पृथ्वी पर 181 अक्षांश रेखाएं है जबकि 179 वृत्त है l
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अश्व अक्षांश: यह भूमध्य रेखा के 30 से 35 डिग्री उत्तर व दक्षिण में पाये जाने वाली पछुवा तथा व्यापारिक पवनों की पेटियों के बीच उपोष्ण कटिबंधीय उच्च वायुदाब पेटी है। इसलिए यहाँ प्रतिचक्रवाती दशाएं पाई जाती है और यहाँ पर वायु अत्यधिक शांत एवं स्थिर होती है l
प्राचीन काल में जब सामान एवं घोड़े से लदे हुए जहाज यहां से गुजरते थे तो अधिक भार के कारण उनके संचालन में कठिनाई आती थी l इसलिए जहाज को डूबने से बचाने के लिए घोड़ों को पानी में गिरा दिया जाता था। जिससे जहाज के भार में कमी आती थी और जहाज के संचालन में भी आसानी होती थी । इसलिए भूमध्य रेखा के 30 से 35 डिग्री उत्तर व दक्षिण में पाये जाने वाले क्षेत्र को अश्व अक्षांश (Horse latitude) कहा जाता है ।
कर्क रेखा, मकर रेखा और भूमध्य रेखा क्या है, को जानने के पश्चात् अब हम जानते है कि ये रेखाएं कितने मह्द्वीपों और देशों से होकर गुजरती है l
कर्क रेखा विश्व के तीन महाद्वीपों के 19 देशों से होकर गुजरती है l
कर्क रेखा उत्तरी अमेरिका के 3 देशों से होकर गुजरती है ये देश है:
संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको, बहामास
कर्क रेखा अफ्रीका के 8 देशों से होकर गुजरती है ये देश है:
पश्चिमी सहारा, मुरितानिया, माली, अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, चाड, मिस्र
कर्क रेखा एशिया के 8 देशों से होकर गुजरती है ये देश है:
सऊदी अरब, संयुक्त अरब इमारात, ओमान, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, चीन, ताइवान
कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है l ये आठ राज्य है: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा मिजोरम (पश्चिम से पूर्व की ओर क्रम) l
मकर रेखा तीन महाद्वीपों के 10 देशों से होकर गुजरती है l
मकर रेखा दक्षिण अमेरिका के 4 देशों से होकर गुजरती है ये देश है -
चिली, अर्जेन्टीना, पराग्वे, ब्राजील
मकर रेखा अफ्रीका महाद्वीप के 5 देशों से होकर गुजरती है -
नामीबिया, बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, मेडागास्कर,
मकर रेखा ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के ऑस्ट्रेलिया से होकर गुजरती है l
भूमध्य रेखा तीन महाद्वीपों के 13 देशों से होकर गुजरती है l
भूमध्य रेखा दक्षिण अमेरिका महाद्वीप के 3 देशों से होकर गुजरती है ये देश है -
इक्वाडोर, कोलम्बिया एवं ब्राजील
भूमध्य रेखा अफ्रीका महाद्वीप के 6 देशों से होकर गुजरती है ये देश है -
गैबन, कांगो गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, केन्या, सोमालिया
भूमध्य रेखा एशिया महाद्वीप के 4 देशों से होकर गुजरती है ये देश है -
मालदीव, इंडोनेशिया, किरिबाती, साओटोम और पिंसिप
आर्कटिक वृत्त पर तीन महाद्वीपों के 9 देश स्थित है l
आर्कटिक वृत्त में स्थित देश है: नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका (अलास्का), कनाडा, डेनमार्क (ग्रीनलैंड), और आइसलैंड आदि l
अंटार्कटिक वृत्त पर केवल अंटार्कटिक महाद्वीप स्थित है l
माही नदी भारत में पश्चिम की ओर बहने वाली एक प्रमुख नदी है l माही नदी का उद्गम मध्यप्रदेश के धार जिले के समीप मिंडा ग्राम की विंध्याचल पर्वत श्रेणी से होता है । यह मध्य प्रदेश से होते हुए राजस्थान एवं गुजरात से होकर बहती है l और गुजरात में यह खम्भात की खाड़ी के द्वारा अरब सागर में गिरती है l
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माही नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है l माही नदी एक बार मध्य प्रदेश में और एक बार गुजरात में कर्क रेखा को काटती है l माही नदी की कुल लम्बाई लगभग 576 किमी है l
लिम्पोपा नहीं दक्षिण अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी है l लिम्पोपा नदी का उद्गम बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका की सीमा से होता है। यह नदी मरिको और क्रोकोडाइल नाम की दो नदियों के संगम होने से बनती है।
लिम्पोपा नदी की कुल लम्बाई 1750 किमी है l इसकी मुख्य सहायक नदियाँ मरिको, क्रोकोडाइल, नोटवाने, पलाला, ओलिफंट्स आदि नदियाँ है l लिम्पोपा नदी को घड़ियाल नदी या क्रोकोडाइल नदी भी कहते है l यह नदी दक्षिण अफ्रीका, बोत्सवाना, ज़िम्बाम्बे, एवं मोजांबिक से होकर गुजरती है। और यह नदी पहले उत्तर फिर उत्तर पूर्व और फिर दक्षिण पूर्व की ओर बहते हुए मोजांबिक के गाज़ा क्षेत्र में हिन्द महासागर में मिल जाती है। यह नदी क्रूजर राष्ट्रीय पार्क की सीमा भी बनाती है।
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जेम्बेजी नदी के बाद यह अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी नदी है जो की हिन्द महासागर में जाकर गिरती है l
लिम्पोपा नदी मकर रेखा को दो बार काटती है l
कांगो नदी अफ्रीका महाद्वीप की एक प्रमुख नदी है l नील नदी के बाद यह अफ्रीका की दूसरी सबसे लम्बी नदी है l
कांगो नदी को जायरे नदी भी कहते है l इसकी कुल लम्बाई लगभग 4700 किमी है l लम्बाई में यह विश्व की नौवीं सबसे लम्बी नदी है l
महाद्वीपों का महाद्वीप किसे कहा जाता है
यह विश्व की सबसे गहरी नदी है जिसकी गहराई लगभग 220 मी है l कांगो नदी अटलांटिक महासागर में जाकर समाप्त हो जाती है l
कांगो नदी मध्य अफ्रीका की एकमात्र नदी है जो कि भूमध्य रेखा को दो बार कटती है l
भूमध्य रेखा, कर्क रेखा, एवं मकर रेखा तीनों अफ्रीका महाद्वीप से होकर गुजरती है l
भूमध्य रेखा अफ्रीका महाद्वीप के गैबन, कांगो गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, केन्या, सोमालिया आदि देशों से होकर गुजरती है l
कर्क रेखा अफ्रीका महाद्वीप के पश्चिमी सहारा, मुरितानिया, माली, अल्जीरिया, नाइजर, लीबिया, चाड, मिस्र
आदि देशों से होकर गुजरती है l
मकर रेखा अफ्रीका महाद्वीप के नामीबिया, बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, मेडागास्कर आदि देशों से होकर गुजरती है l
आस्ट्रलिया के मध्यवर्ती भाग से मकर रेखा गुजरती है l