दीवान-ए-बंदगान के पद को किसने शुरू किया?
The post of 'Diwan-i-Bandagan' was started by Firoz Shah Tughlaq. Firoz Shah Tughlaq established this department to take care of the slaves.
The number of slaves reached about 180,000 during the reign of Firoz.
Firoz Shah Tughlaq (1351-1388 AD)
Firoz Shah Tughlaq was the ruler of the Tughlaq dynasty in the Delhi Sultanate. It became the ruler after Muhammad bin Tughlaq.
He was probably the first sultan of the Delhi Sultanate, who gave importance to the Ulema class in administrative work while strictly following Islamic rules.
He called the Hindu people 'Jimmi' (non-believers). For the first time in the Delhi Sultanate, Firoz Tughlaq took Jizya from Brahmins also.
Sultan Firoz Tughlaq built the fort of Kotla Firoz Shah in Delhi.
He founded a city named Jaunpur in the memory of his brother Jauna Khan (Muhammad Tughlaq).
Firoz Tughlaq was the first ruler of the Sultanate, who got the state's income statement prepared.
Firoz Tughlaq issued a large number of coins, probably from a mixture of copper and silver, under a currency system called 'Adha' and 'Egypt'.
Firoz Tughlaq introduced a new coin of 'Shanshgani' (of 6 Jital).
He had his son's or successor's name 'Fatah Khan' inscribed on the coins.
It made Islam the basis of state rule. Henry Elliot and Elphinstone have called Firoz Tughlaq "Akbar of the Sultanate era".
The credit for the success of Firoz Shah Tughlaq goes to his Prime Minister ‘Khan-e-Jahan Maqbool’.
Two pillar inscriptions of Ashoka from Khizrabad and Meerut were brought and installed in Delhi during his reign.
Established a new department named 'Diwan-e-Khairat' to help Muslim orphan women, widows and girls.
He built a state hospital named 'Darul-Shafa', in which free treatment was given to the poor.
So the correct answer is option A.
‘दीवान-ए-बंदगान’ के पद को फिरोज़ शाह तुगलक ने शुरू किया l दासों की देखभाल के लिए फिरोज़ शाह तुगलक ने इस विभाग की स्थापना की l
फिरोज के शासन काल में दासों की संख्या लगभग 180,000 तक पहुंच गई थी।
फिरोज शाह तुगलक (1351-1388 ई)
फिरोज शाह तुगलक दिल्ली सल्तनत में तुगलक वंश का शासक था। यह मुहम्मद बिन तुगलक के बाद शासक बना l
वह शायद दिल्ली सल्तनत के पहले सुल्तान थे, जिन्होंने इस्लामी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए प्रशासनिक कार्यों में उलेमा वर्ग को महत्व दिया।
उन्होंने हिंदू लोगों को 'जिम्मी' (इस्लाम को न मानने वाले) कहा। दिल्ली सल्तनत में पहली बार फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों से भी जजिया लिया।
सुल्तान फिरोज तुगलक ने दिल्ली में कोटला फिरोज शाह का किला बनवाया।
उसने अपने भाई जौना खाँ (मुहम्मद तुगलक) की याद में जौनपुर नामक नगर की स्थापना की।
फिरोज तुगलक सल्तनत का पहला शासक था, जिसने राज्य की आय का विवरण तैयार करवाया।
फिरोज तुगलक ने मुद्रा प्रणाली के तहत तांबे और चांदी के मिश्रण से बड़ी संख्या में सिक्के जारी किए, जिन्हें शायद 'अधा' और 'मिस्र' कहा जाता था।
फिरोज तुगलक ने 'शंशगनी' (6 जीतल का) का एक नया सिक्का पेश किया था।
उन्होंने सिक्कों पर अपने बेटे या उत्तराधिकारी का नाम 'फतह खान' खुदवाया था।
इसने इस्लाम को राज्य शासन का आधार बनाया। हेनरी इलियट और एलफिंस्टन ने फिरोज तुगलक को "सल्तनत युग का अकबर" कहा है।
फिरोज शाह तुगलक की सफलता का श्रेय उनके प्रधानमंत्री ‘खान-ए-जहाँ मकबूल’ को जाता है।
खिजराबाद और मेरठ से अशोक के दो स्तंभ शिलालेखों को इसके शासनकाल के दौरान दिल्ली में लाया और स्थापित किया गया था।
मुस्लिम अनाथ महिलाओं, विधवाओं और लड़कियों की सहायता के लिए 'दीवान-ए-खैरत' नामक एक नए विभाग की स्थापना की।
उन्होंने 'दारुल-शफा' नाम से एक राजकीय अस्पताल बनवाया, जिसमें गरीबों का मुफ्त इलाज किया जाता था।
इसलिए सही उत्तर विकल्प A है l