Question
Who created the Department of Diwan-i-Arz in the Delhi Sultanate?
दिल्ली सल्तनत में दीवान ए अर्ज विभाग की स्थापना किसने की?
Answer A.
A.In the Delhi Sultanate, the 'Diwan-i-Arj Department' was established by the ruler of the Gulam dynasty, Balban.
Diwan-i-Arz was a military department.
The head of Diwan-i-Arz was called 'Ariz-i-Mumalik'.
Balban appointed Ahmed Ayyaz as the first head of this department.
Its department's main functions were to recruit troops, maintain the presence of soldiers and horses, and conduct military oversight.
It also had to make arrangements for food and transportation for the soldiers.
Alauddin Khilji was one such sultan of the Delhi Sultanate who personally looked after the department of Diwan-i-Arz. He also did many other military reforms.
Ghiyasuddin Balban (1249– 1286)
- Balban was the ruler of the Gulam dynasty in the Delhi Sultanate. He was the Ilbari Turk.
- Balban ended the ‘Turkan-i-Chalgani’ (group of 40 slaves) which was formed by Iltutmish.
- Nasiruddin Mahmud gave the title of 'Uloog Khan' to Balban.
- Balban practiced the practice of Sijda (bowing his head on the knees) and Pebos (kissing the feet of the sultan) in his court.
- Balban got the name ‘Khalifa’ inscribed on his coins.
- Balban adopted the 'policy of blood and iron' to establish the prestige of the Sultan.
- Balban assumed the title of 'Zille Ilahi' (Reflection of God).
- Balban started the practice of celebrating the Iranian festival 'Navroz'.
So the correct answer is option A.
A.दिल्ली सल्तनत में ‘दीवान ए अर्ज विभाग’ की स्थापना गुलाम वंश के शासक बलबन ने की l
दीवान ए अर्ज एक सैन्य विभाग था l
दीवान ए अर्ज के प्रमुख को ‘अरिज ए मुमालिक’ कहा जाता था l
बलबन ने अहमद अय्याज को इस विभाग का पहला प्रमुख नियुक्त किया था।
इसका विभाग का मुख्य कार्य सैनिकों की भर्ती करना, सैनिकों और घोड़ों की उपस्थिति को बनाए रखना और सैन्य निरीक्षण करना था। इसे सैनिकों के लिए भोजन और परिवहन की व्यवस्था भी करनी थी।
अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली सल्तनत का एक ऐसा सुल्तान था जो व्यक्तिगत रूप से दीवान-ए-अर्ज का विभाग देखता था। उसने अन्य कई सैन्य सुधर भी किये थे l
गयासुद्दीन बलबन (1249– 1286)
- बलबन दिल्ली सल्तनत में गुलाम वंश का शासक था l यह इल्बरी तुर्क था l
- बलबन ने तुर्कान-ए-चहलगानी (40 गुलामों का दल) जिसे इल्तुतमिश ने बनाया था का अंत कर दिया l
- नसीरुद्दीन महमूद ने बलबन को ‘उलूग खां’ की उपाधि दी l
- बलबन ने अपने दरबार में सिजदा (घुटनों पर बैठकर सिर झुकाना) और अपने पैबोस (सुल्तान का चरण चूमना) प्रथा का प्रचलन किया l
- बलबन ने अपने सिक्को पर ‘खलीफा’ का नाम अंकित करवाया l
- बलबन ने सुल्तान की प्रतिष्ठा को स्थापित करने के लिए ‘रक्त एवं लौह की नीति’ अपनाई l
- बलबन ने ‘जिल्ले इलाही’ (ईश्वर का प्रतिबिम्ब) की उपाधि धारण की l
- बलबन ने इरानी त्यौहार ‘नवरोज’ मनाने की प्रथा आरम्भ की l
इसलिए सही उत्तर विकल्प A है l
Question
The term 'chakla' has been used in Medieval Indian History sources. This was
मध्यकालीन भारतीय इतिहास स्रोतों में 'चकला' शब्द का उपयोग किया गया है। यह था ?
Answer C.